Radhika yadav tennis player
घटना की प्रमुख जानकारी:
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मृतका: राधिका यादव (25 वर्ष), एक पूर्व राज्य स्तरीय टेनिस खिलाड़ी और कोच
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आरोपी: दीपक यादव (49 वर्ष), पिता
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स्थान: गुरुग्राम, हरियाणा
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समय: गुरुवार सुबह लगभग 10:30 बजे
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मृत्यु का कारण: पीठ पर तीन गोलियां लगने से, जब वह रसोई में खाना बना रही थीं
मामले की पृष्ठभूमि:
राधिका यादव ने हाल ही में कंधे में चोट के बाद पेशेवर टेनिस खेलना छोड़कर एक टेनिस अकैडमी शुरू की थी। वह बच्चों को कोचिंग देकर अपना भविष्य बना रही थीं। लेकिन पुलिस के अनुसार, उनके पिता दीपक यादव को समाज की बातें और ताने परेशान कर रहे थे, जो कहते थे कि वह अपनी बेटी की कमाई पर जी रहे हैं।
उन्होंने कई बार राधिका से अकैडमी बंद करने को कहा, लेकिन जब वह नहीं मानी, तो उन्होंने लाइसेंसी रिवॉल्वर से रसोई में खाना बना रही बेटी पर पीछे से पांच गोलियां चलाईं — जिनमें से तीन गोलियां उनकी कमर में लगीं और मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
एफआईआर और पुलिस विवरण:
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दीपक यादव का कबूलनामा:
“मैं जब वज़ीराबाद गांव दूध लेने जाता था तो लोग ताना मारते थे कि मैं बेटी की कमाई पर जीता हूं। कुछ लोग तो बेटी के चरित्र पर भी सवाल उठाने लगे थे। मैंने कई बार कहा कि अकैडमी बंद कर दे, लेकिन वह नहीं मानी। इससे मेरी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची और मैंने उसे गोली मार दी।”
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एफआईआर दर्ज करने वाले:
दीपक यादव के छोटे भाई कुलदीप यादव (राधिका के चाचा) ने एफआईआर दर्ज करवाई।“हम ऊपर पहुंचे तो राधिका रसोई में पड़ी थी, और ड्राइंग रूम में रिवॉल्वर पड़ा था। हमने तुरंत उसे कार से अस्पताल पहुंचाया लेकिन डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।”
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मां मंजू यादव का रुख:
उन्होंने पुलिस को बताया कि उन्हें बुखार है और उन्होंने कोई बयान नहीं दिया।
सामाजिक प्रश्न और चिंता:
यह घटना न सिर्फ पारिवारिक हिंसा का क्रूरतम रूप दिखाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि समाज के तानों और पितृसत्तात्मक सोच ने किस हद तक एक पिता को अपनी होनहार बेटी की जान लेने पर मजबूर कर दिया। राधिका जैसी युवा महिला, जो आत्मनिर्भर बन रही थी, एक पुरानी सोच की शिकार हो गई।
निष्कर्ष:
राधिका यादव की मौत एक सामाजिक, नैतिक और मानसिक स्वास्थ्य संकट को उजागर करती है। यह घटना हर उस महिला के लिए चेतावनी है जो अपने सपनों के लिए लड़ रही है — और हर उस परिवार के लिए एक सवाल जो बेटी की सफलता को बोझ समझते हैं।