Narayana Murthy का मानना है – मैनेजमेंट और टेक्नोलॉजी ग्रैजुएट्स में कोई फर्क नहीं, AI से बढ़ेगी इंसानों की प्रोडक्टिविटी
Infosys के को-फाउंडर और सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री के दिग्गज नारायण मूर्ति का मानना है कि आज के समय में मैनेजमेंट और टेक्नोलॉजी की पढ़ाई करने वाले छात्रों में कोई बड़ा अंतर नहीं है। उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि दोनों ही क्षेत्र अलग-अलग एंगल से समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करते हैं, लेकिन लक्ष्य एक ही होता है – समस्या का समाधान।
📌 “What” और “How” का फर्क, लेकिन मकसद एक
78 वर्षीय नारायण मूर्ति ने Moneycontrol को दिए इंटरव्यू में कहा,
“मैं मैनेजमेंट और टेक्नोलॉजी ग्रैजुएट में कोई फर्क नहीं देखता क्योंकि ये दोनों अलग-अलग स्तर पर समस्याओं को सुलझाने की कोशिश करते हैं। एक ‘क्या’ पूछता है और दूसरा ‘कैसे’।”
उनका कहना है कि आज के AI-चालित युग में तकनीकी और प्रबंधन दोनों तरह की सोच की ज़रूरत है। एक ओर जहां तकनीकी ज्ञान समाधान की दिशा देता है, वहीं मैनेजमेंट विज़न सही दिशा में निर्णय लेने में मदद करता है।
🤖 AI इंसानों की जगह नहीं लेगा, बल्कि उन्हें और बेहतर बनाएगा
AI के भविष्य को लेकर फैली चिंताओं पर नारायण मूर्ति ने साफ कहा कि AI इंसानों की नौकरियां छीनने नहीं आया, बल्कि यह हमारी प्रोडक्टिविटी बढ़ाने का एक शक्तिशाली टूल है। उन्होंने ChatGPT का उदाहरण देते हुए बताया कि जब से उन्होंने AI का इस्तेमाल शुरू किया है, उनकी खुद की कार्यक्षमता पांच गुना बढ़ गई है।
“पहले जो काम मुझे 30 घंटे में करना पड़ता था, अब वही काम मैं सिर्फ 5 घंटे में कर पाता हूँ,” – नारायण मूर्ति
उनका मानना है कि जैसे कंप्यूटर के आने से बैंकिंग सेक्टर में नौकरियों की संख्या 40-50 गुना बढ़ी, वैसे ही AI भी नए अवसर और नई नौकरियां लाएगा।
💡 भविष्य के प्रोफेशनल्स को चाहिए “स्मार्ट थिंकिंग”
मूर्ति का यह भी कहना है कि भविष्य में वही लोग सफल होंगे जो सही सवाल पूछना जानते होंगे।
“स्मार्टनेस इस बात में है कि आप सवाल कैसा पूछते हैं।”
उनके अनुसार, भविष्य की नौकरियों में इंसानी योगदान का मूल्य रूटीन कामों में नहीं बल्कि क्रिएटिव सोच और स्ट्रैटेजिक प्रॉब्लम-सॉल्विंग में होगा।
🔍 निष्कर्ष:
नारायण मूर्ति का दृष्टिकोण स्पष्ट है – तकनीक और प्रबंधन दोनों की भूमिका बराबर है और AI इंसानों की जगह नहीं लेगा, बल्कि उन्हें और कुशल बनाएगा। ऐसे समय में, छात्रों और प्रोफेशनल्स को चाहिए कि वे सिर्फ जानकारी पाने में नहीं बल्कि सही सवाल पूछने की कला में भी माहिर बनें।