Bitcoin ETF में 2.72 बिलियन का निवेश, फिर भी जनता खामोश क्यों

Bitcoin: जब दुनिया भर में डिजिटल करेंसी की चर्चा जोरों पर है, तो बिटकॉइन (Bitcoin) एक बार फिर से सबकी निगाहों में है। इस हफ्ते बिटकॉइन ने सारे पुराने रिकॉर्ड्स तोड़ दिए हैं। बुधवार को यह ₹1,11,970 के उच्चतम स्तर पर पहुंचा और शुक्रवार तक इसकी कीमत ₹1,18,780 के पार निकल गई। लेकिन आश्चर्यजनक बात यह है कि इतनी ज़बरदस्त तेजी के बावजूद आम यानी रिटेल निवेशक इसमें खास रुचि नहीं दिखा रहे हैं।


संस्थागत निवेश बना बिटकॉइन की तेजी का कारण

बिटकॉइन में आई इस हालिया उछाल का बड़ा श्रेय संस्थागत निवेश को दिया जा रहा है। Bitcoin के हेड ऑफ रिसर्च आंद्रे ड्रैगोश का कहना है कि इस बार की रैली में आम निवेशकों की भागीदारी बेहद कम है। उन्होंने कहा:

“बिटकॉइन अपने उच्चतम स्तर पर है, लेकिन Google पर इसकी सर्चिंग बहुत कम है। इसका मतलब है कि यह तेजी आम लोगों की भागीदारी से नहीं, बल्कि संस्थागत निवेशकों के कारण आई है।”


ETF में ₹2.72 बिलियन का निवेश – फिर भी रिटेल निवेशक चुप क्यों?

इस हफ्ते केवल Bitcoin स्पॉट ETF में ₹2.72 बिलियन की इनफ्लो हुई है, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड है। इसके बावजूद गूगल ट्रेंड्स बताते हैं कि 29 जून से 12 जुलाई के बीच ‘Bitcoin’ की सर्च में केवल 8% की ही बढ़त दर्ज हुई है।

इसके विपरीत, नवंबर 2024 में जब डोनाल्ड ट्रंप की चुनावी जीत हुई थी और बिटकॉइन ने ₹1 लाख पार किया था, तब सर्च ट्रेंड्स में 60% की उछाल देखी गई थी। यह अंतर साफ दिखाता है कि आम लोगों का जुड़ाव इस बार बहुत कम है।


क्या रिटेल निवेशकों को लगता है मौका निकल गया?

क्रिप्टो एक्सपर्ट्स का मानना है कि आम लोग अब बिटकॉइन को बहुत महंगा समझने लगे हैं और उन्हें लगता है कि उन्होंने निवेश करने का सही समय गंवा दिया है। बिटकॉइन कमेंटेटर लिंडसे स्टैम्प के अनुसार:

“जब लोग देखते हैं कि बिटकॉइन की कीमत ₹1.17 लाख है, तो उन्हें लगता है कि अब इसमें घुसना फायदेमंद नहीं है। इसी सोच के चलते वे चुपचाप किनारे हो जाते हैं।”

‘Bitcoin Matrix’ पॉडकास्ट के होस्ट सेड्रिक यंगेलमैन ने भी इस पर चिंता जताई और कहा:

“आम निवेशक कब जागेंगे? शायद तब जब बहुत देर हो चुकी होगी।”


क्या ETF के ज़रिए हो रहा है निवेश?

Cointelegraph की रिपोर्ट के अनुसार, यह भी संभव है कि आम लोग सीधे बिटकॉइन नहीं खरीद रहे हों लेकिन ETF के ज़रिए निवेश कर रहे हों। यदि ETF के एंड-होल्डर्स रिटेल कस्टमर हैं, तो ऑनचेन डेटा में उनकी भागीदारी नहीं दिखेगी।

इसका मतलब है कि रिटेल निवेश ETF जैसे माध्यमों से अप्रत्यक्ष रूप से भागीदारी कर रहे हैं, लेकिन सीधे बिटकॉइन एक्सचेंजों पर दिखाई नहीं दे रहे।


बिटकॉइन की रैली खत्म नहीं हुई — अभी और तेजी बाकी?

प्रसिद्ध ऑनचेन एनालिस्ट विली वू का मानना है कि बिटकॉइन की मौजूदा रैली अभी खत्म नहीं हुई है। उन्होंने कहा:

“इस रैली में अभी भी काफी दम बाकी है।”

उनका दावा आंकड़ों से भी साबित होता है – अकेले इस हफ्ते ₹2.72 बिलियन की इनफ्लो, जो यह दर्शाता है कि संस्थागत निवेशकों का भरोसा अभी बरकरार है।


निष्कर्ष: क्या आप भी चूक जाएंगे?

बिटकॉइन ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि यह सिर्फ एक करेंसी नहीं बल्कि एक ऐसा भावनात्मक निवेश है जो भरोसे और जोखिम के बीच झूलता रहता है। जहां एक ओर बड़ी संस्थाएं इस मौके को पहचानकर सक्रिय रूप से निवेश कर रही हैं, वहीं आम निवेशक अब भी इंतजार में हैं।

अगर इतिहास से कुछ सीखा जा सकता है, तो यह कि कई बार मौका उन लोगों के सामने से निकल जाता है जो बहुत देर तक सोचते रहते हैं।


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डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई किसी भी जानकारी को निवेश की सलाह न समझें। क्रिप्टो करेंसी में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें

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